
रायगढ़ के एनटीपीसी लारा में आज आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रबंधन ने राज्य और देश के ऊर्जा क्षेत्र में योगदान को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। एनटीपीसी लारा के प्रबंधक ने बताया कि वर्तमान में 1600 मेगावाट उत्पादन क्षमता से 50% बिजली छत्तीसगढ़ राज्य को आपूर्ति की जा रही है। इससे राज्य के विकास को गति मिल रही है। प्रबंधक ने बताया ‘स्टेज टू’ के तहत 1600 मेगावाट की निर्माणाधीन परियोजना को जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूरा होने पर छत्तीसगढ़ को और 50% बिजली प्राप्त होगी जिससे राज्य के विकास में एनटीपीसी की भागीदारी और मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि ‘स्टेज टू’ का काम प्रगति पर है।और अगस्त 2027 तक पूरी तरह से कार्यरत हो जाएगी। एनटीपीसी लारा के प्रबंधन ने कहा कि परियोजना के अंतर्गत रोजगार की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय गांवों के लोग इस परियोजना में काम कर रहे हैं। जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। बाहर से आने वाले लोग भी इस परियोजना से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी में फ्यूल कॉस्ट देश में सबसे कम है। जो फिलहाल 1 रुपए 20 पैसे प्रति यूनिट है। नई मशीनों के स्थापित होने के बाद यह लागत घटकर 1 रुपए प्रति यूनिट तक आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में न्यूक्लियर प्लांट का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे प्रदूषण नहीं होता और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन संभव हो सकेगा।एनटीपीसी प्रबंधन ने बताया 2032 तक 1 लाख मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। यह एनटीपीसी की देश और राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।