छत्तीसगढ़रायगढ़

नदियों से रेत परिवहन कम्पनियो के लिए यूं ही बदस्तूर जारी रहा तो हो सकता है भारी नुकसान

रायगढ़ जिले के तमनार व घरघोड क्षेत्र में नदियों से रेत खनन के मामले में अवैध खनन का सिलसिला थम नहीं रहा है। ताजा मामला तमनार के राबो एवम घरघोड़ के कंचनपुर क्षेत्र के नदीयो में रेत खनन का मामला सामने आया है। राबों आमापाली कंचनपुर गांव के समीप भरी बरसात में नदी से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रेत माफिया इन नदियों में भारी बरसात में दिनदहाड़े रेत का परिवहन कर स्थानीय कंपनियों को सप्लाई कर रहे है जिससे शासन को लाखो का राजस्व हानि भी हो रहा है लेकिन शासन प्रशासन का इन रेत माफियाओं पर कोई अंकुश नहीं है आखिर किसके संरक्षण में रेत माफिया सक्रिय है

उल्लेखनीय है कि नदियों से रेत निकालने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के पालन में 15 जन से 15 अक्टूबर तक खनन प्रतिबंधित रहता है। नदियों में अन्य जीवों को नुकसान की दृष्टि से लगाए इस प्रतिबंध का असर जिले की नदियों में नहीं दिख रहा है।
ऐसे मामलों में सभी विभागों को कार्रवाई करनी चाहिए। बारिश में नदियों से रेत खनन पर कार्रवाई न सिर्फ जल जीवन पर संरक्षण होगा बल्कि रेत माफियाओं पर भी अंकुश लगाने का काम होगा

*क्या होता है जब नदियों से रेत खनन ज्यादा हो तो*

अत्यधिक रेत खनन से नदी के तल में परिवर्तन हो सकता है, नदी को अपना मार्ग बदलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, तटों का क्षरण हो सकता है और बाढ़ आ सकती है। इससे नदी और मुहाना गहरा हो जाता है, साथ ही नदी के मुहाने और तटीय इनलेट का विस्तार होता है।

*स्थानीय ग्रामीणों को होगी रेत की समस्या*

इसी तरह से बदस्तूर अगर रेत माफिया नदियों से रेत खनन कर कंपनियों को देते रहे तो निश्चित रूप से आने वाले समय में स्थानीय ग्रामीणों को रेत की किल्लत होगी जिससे उन्हें ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ेगा साथ-साथ शासन की जो आवास योजना है इन योजनाओं पर सभी ग्रामीणों को रेत की जरूरत होगी लेकिन तब तक रेत माफिया इन नदियों का रेत खत्म कर चुके होगे जिसका पूरा लाभ कंपनी उठा रहे हैं और अंतिम में स्थानीय ग्रामीणों को रेत की किल्लत झेलनी पड़ेगी

Related Articles

Back to top button