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तमनार में ओवरलोड वाहनों का आतंक, सड़कें बनीं मौत का रास्ता — प्रशासन मौन

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रायगढ़ (छत्तीसगढ़), तमनार:
रायगढ़ जिले का तमनार ब्लॉक, जो कि एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है, इन दिनों ओवरलोड और तेज रफ्तार वाहनों की वजह से गंभीर सड़क दुर्घटनाओं का गढ़ बनता जा रहा है। कोयला खनन और भारी उद्योगों की बढ़ती गतिविधियों के चलते हर दिन सैकड़ों की संख्या में ट्रक और डंपर इस क्षेत्र से गुजरते हैं। लेकिन न तो इन वाहनों की रफ्तार पर कोई नियंत्रण है, और न ही ओवरलोडिंग को लेकर कोई कारगर निगरानी।

दुर्घटनाएं बनीं आम बात:
स्थानीय लोगों का कहना है कि तमनार में अब सड़क दुर्घटनाएं आम बात हो गई हैं। हर सप्ताह कोई न कोई हादसा होता है, जिसमें कई बार निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। , किसान,मजदूर, बाइक सवार और पैदल चलने वाले ग्रामीण सबसे ज्यादा खतरे में हैं।

पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता:

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और ट्रैफिक विभाग पूरी तरह निष्क्रिय हैं। ओवरलोड गाड़ियों और स्पीडिंग पर न कोई चालान होता है, न जांच। ऐसा प्रतीत होता है कि इन गाड़ियों को रोकने का कोई डर प्रशासन में नहीं रह गया है। कई बार हादसों की शिकायत के बावजूद स्थायी समाधान नहीं निकला।

स्थानीय लोगों में आक्रोश:
ग्राम पंचायतों और सामाजिक संगठनों ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिससे यह प्रतीत भी होता है कि जिम्मेदारों की मौन सहमति ट्रांसपोर्टरों एवं उद्योगों को मिली हुई है

क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
परिवहन विशेषज्ञों के अनुसार, ओवरलोड वाहन न सिर्फ सड़कों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि ब्रेकिंग क्षमता और स्टेयरिंग नियंत्रण को भी कमजोर कर देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। तमनार जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष निगरानी और स्पीड कंट्रोल व्यवस्था अनिवार्य है। नियमित पुलिस चेकिंग प्वाइंट्स की स्थापना सीसीटीवी कैमरों से निगरानी ओवरलोडिंग पर भारी जुर्माना रात में भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण ग्राम स्तर पर निगरानी समितियों का गठन हो तो कुछ हद तक रोका जा सकता है

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