छत्तीसगढ़तमनार

महाविद्यालय की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

शिक्षा समाज के लिए सबसे बुनियादी जरूरत होती है और एक बेहतर समाज के लिए उच्च शिक्षा अति आवश्यक होती है समाज को शिक्षित बनाने का मुख्य दायित्व सरकार की होती है आज सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे नारे दे रही है और उस पर काम भी कर रही है परंतु उच्च शिक्षा बेटियों के पहुंच से कोसों दूर नजर आती है रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड का पूर्वी हिस्सा धौराभाठा है जहां 391 बच्चे अभी गांव में हाई स्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं और इनकी उच्च शिक्षा के लिए आसपास में कॉलेज महाविद्यालय की व्यवस्था ना होने की वजह से प्रत्येक वर्ष सैकड़ों बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं जिसमें बालिकाओं की संख्या ज्यादा रहती है इस क्षेत्र में महाविद्यालय निर्माण कि नहीं सभी दस्तावेज तैयार हो चुके हैं और लगभग 90% काम भी पूर्ण हो चुका है केवल सरकार से आदेश पारित करना है बाकी है यहां महाविद्यालय संचालित करने के लिए भवन की व्यवस्था गांव की हाई स्कूल में है जहां महाविद्यालय की कक्षाएं लगाई जा सकती हैं परंतु इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद भी 7 वर्ष से कड़ी परिश्रम करने के बावजूद इस गांव में महाविद्यालय का निर्माण नहीं हो सका है जिससे बच्चों के पढ़ाई पर असर हो रहा है और उच्च शिक्षा से बच्चे वंचित हो रहे हैं यह दिया तले अंधेरा कहा जा सकता है क्योंकि उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल इसी जिले से हैं और पूरे पूरे छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं परंतु उन्हीं के गृह जिले में शिक्षा से वंचित इन बच्चों की तकलीफ है उच्च शिक्षा मंत्री को नहीं दिख रहा है अत्यंत दुख की बात है वही यह पूरा औद्योगिक क्षेत्र है और औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से यहां विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं और शिक्षा स्वास्थ्य बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों को प्रदान करने की बात कही जाती है साथ ही कंपनी में काम करने के लिए योग्यता मांगा जाता है और कंपनियां क्षेत्र के युवाओं को अकुशल मानकर रोजगार उपलब्ध नहीं कराती अगर इस क्षेत्र में शिक्षा की व्यवस्था ही नहीं है तो बच्चे कैसे उच्च शिक्षा प्राप्त कर कंपनियों द्वारा चाहे गए डिग्री डिप्लोमा या योग्यता प्राप्त कर सकते हैं यह एक महत्वपूर्ण सवाल है इस क्षेत्र से तमनार महज 15 किलोमीटर दूर है जहां केवल 100 विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था है जबकि धौराभाठा क्षेत्र में ही 391 बच्चे हैं और पूरे तमनार ब्लाक की बात करें तो हजारों की तादाद में बच्चे हर वर्ष कॉलेज या महाविद्यालय में पढ़ने के लिए हाईस्कूल पास करते हैं तो 100 विद्यार्थियों वाले स्कूल में कैसे इतने बच्चों को पढ़ा जा सकता है और तमनार से धौराभाठा से रायगढ़ की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है और जहां आवागमन की सुविधा बिल्कुल नहीं है कंपनी क्षेत्र होने की वजह से हजारों की तादाद में प्रतिदिन गाड़ियां चलती हैं और आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं कॉलेज जाना क्षेत्र वासियों के लिए टेढ़ी खीर है और शहर में रह कर पढ़ पाना इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के गरीब तत्वों के बच्चों के लिए बहुत ही मुश्किल है जिसकी में रहते हैं उसमें घर चलना मुश्किल है तो इस स्थिति में बच्चे कैसे शहर में किराए के रूम में रख कर अपना उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं इन सभी मुश्किलों को देखते हुए सरकार को जल्द से जल्द धौराभाठा में महाविद्यालय शुरू करना चाहिए जिससे यहां के बच्चे अपना तथा देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकें। क्षेत्र की इन्हीं मांगों को लेकर लगातार प्रयास क्षेत्रवासियों द्वारा किया जा रहा है परंतु लाभ ना होने की स्थिति में आज 1 अगस्त 2023 से धारा भाटा के क्षेत्रवासी जागरूक जनता सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट होकर अनिश्चितकालीन धरना की शुरुआत की है अगर मांग पूरी नहीं होती तो यह धरना अनवरत चलती रहेगी।

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