तमनार एवम घरघोड़ा क्षेत्र में कोटवारी एवम आबंटन जमीन का क्रय विक्रय का खेल*******

शासन निचले स्तर के किसानों की बेहतरी के लिए उनके आर्थिक सुधार के लिए जमीन मुहैया कराती है ताकि छोटे किसान उन जमीन पर अच्छे खेती कर आय में वृद्धि कर सकें एवं शासन द्वारा कोटवारी सेवा हेतु उन्हें खेती के लिए जमीन देती है लेकिन रायगढ़ जिले में कई स्थानों पर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है बता दें कि रायगढ़ जिले के विकासखंड तमनार एवं घरघोड़ा में आवंटन जमीन एवं कोटवारी जमीन का लगातार क्रय विक्रय किया जाना शासन-प्रशासन की निष्क्रियता को एवं अधिकारी कर्मचारियों की संलिप्तता को इंगित करता है तमनार विकासखंड के कई ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा आवंटित जमीन को रसूखदार लोग अपने पहुंच के आधार पर पटवारी जमीन एवं वन आवंटन भूमि का भी क्रय कर पट्टा बनवा रहे हैं अब सोचने वाली बात है के तमनार एवम घरघोड़ा क्षेत्र में यह खेल धड़ल्ले से क्यों चल रही है जी हां बता दें कि तमनार घरघोड़ा क्षेत्र में कंपनियों का भरमार है जिसमें मुआवजा का खेल खेलने हेतु धनाढ्य लोगों ने कोटवारी जमीन एवं वन आवंटन जमीन को मुआवजा के खेल में शामिल कर रखा है ताकि उन छोटे किसानों को उनका हक ना मिल सके और धनाढ्य लोग उसका लाभ ले सके परंतु सोचने वाली बात यह है कि इन तमाम खेलों में बिक्री नकल से लेकर पट्टा बनाने तक किन-किन अधिकारी कर्मचारियों का हाथ रहता है यह जांच का विषय है जिस तरह से कोटवारी जमीन एवं आबंटन जमीन को बिना परमिशन के विक्रम नहीं किया जा सकता लेकिन इन क्षेत्रों में उक्त जमीन का धड़ल्ले से विक्रय होना निश्चित रूप से शासन प्रशासन अधिकारी कर्मचारियों का संलिप्तता की ओर दर्शाता है अब देखना ये होगा इस खेल का समापन किस अधिकारी द्वारा किया जाएगा या फिर तू चल मै आया के तर्ज पर जेबें गर्म होती जाएगी