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लापरवाह ट्रेलर ड्राइवर ने खड़ी स्कूली वेन को मारी टक्कर बाल बाल बचे स्कूली छात्र व शिक्षक

*लापरवाह ट्रेलर ड्राइवर ने खड़ी स्कूली वेन को मारी टक्कर*
*बाल बाल बचे स्कूली छात्र व शिक्षक*

जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत खुरुषलेंगा के आश्रित ग्राम लमडांड़ में सुबह खड़ी स्कूली वेन को अनियंत्रित ट्रेलर ने टक्कर, मारी जिससे वेन में बैठे स्कूली छात्र व शिक्षक बाल बाल बचे

मिली जानकारी के अनुसार यह घटना 8.30 बजे सुबह की बताई जा रही है, घटना में ओड़िशा से आ रही कोयला से भरी टेलर क्र.- OD16-5416 के ड्राइवर लापरवाही से खड़ी स्कूली वेन को पिछे से ठोकर मार दिया। वेन में टीचर व बच्चे बैठे हुए थे। गनीमत रहा की छात्रों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ ।

बता दें कि इस क्षेत्र में भारी वाहनों का आवाजाही सैकड़ों की संख्या में होती है लेकिन सुरक्षा की कोई बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है जबकि स्थानीय प्रशासन को स्कूल समय में नो एंट्री लगानी चाहिए ताकि स्कूली बच्चों को स्कूल आने जाने में कोई परेशानी न हो जबकि उस मार्ग पर
पालीघाट, हमीरपुर, भगोरा, कुसमेल से स्कूली बच्चे धौराभांठा को पढ़ने जाते हैं, जिनकी कोई सुरक्षा किसी के द्वारा नहीं किया जा रहा है। जब कोई घटना-दूर्घटना घटित होता है तो मामला सुलझाने क्षेत्र के तमाम नेता, जनप्रतिनिधि एवं शासन प्रशासन घटना स्थल पर वादों की झड़ी लगाते है जो हकीकत से कोसों दूर रहता है

सवाल यह खड़ा होता है कि क्या स्थानीय पुलिस प्रशासन या जवाबदार अधिकारी मुस्तैदी से काम करते तो इस तरह की घटना घटती वाहन चालकों की सघन जांच हो तो नशे में चूर ड्राइवरों पर कार्यवाही होती परन्तु उद्योगपतियों वाहन मालिकों की परिक्रमा करने में ही अधिकारियों को फुर्सत नहीं

आज हुई घटना में घटना स्थल पर उपस्थित क्षेत्र के समाजीक कार्यकर्ता रमेश बेहरा ने बताया कि इससे पूर्व में धौराभांठा व लमडांड में घटित घटना की समीक्षा के दौरान लिखित रूप से सड़क सुरक्षा के लिए मांग पत्र शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें- रोड़ बाईपास की व्यवस्था अति शीघ्र लमडांड ग्राम से हुंकराडिपा चौक तक करने की बात रखी गई थी एवं साथ ही वाहनों की गति नियंत्रण हेतु बैरिकेड की व्यवस्था वाहनों की गति सीमा के लिए उचित उपाय की जाए चौक चौराहों पर एवं ग्राम के मुख्य सड़क में रात एवं दिन में 12 सुरक्षागार्ड की व्यवस्था किया जाए। बायपास रोड के किनारे लाइट प्रकाश की व्यवस्था किया जाने को लेकर जवाबदेही अधिकारियों के पास रखी गई थी परन्तु
शासन प्रशासन की गंभीरता इस पर नहीं दिख रही अगर ऐसा ही था तो क्षेत्रवासियों के साथ उग्रआंदोलन के लिए बाध्य होगे

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