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चक्रधर समारोह के तृतीय संध्या की प्रस्तुतियां प्रारंभ

रामप्रसाद सारथी के सुरीले भजनों से भक्ति रस में डूबे श्रोता

चक्रधर समारोह की तीसरी शाम संगीत विशारद से सम्मानित रामप्रसाद सारथी के शास्त्रीय गायन से शुरू हुआ। उनके मधुर स्वर से सजे भजनों से श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। ईश्वर और भक्त के बीच के संवाद को उन्होंने भजन ‘हे ईश्वर आपने हमे क्या नही दिया, हमे मालूम हमने आपके लिए क्या किया, ऐसा क्या काम किया मैंने कि तूने मेरा हाथ थाम लिया’ के जरिए बड़ी खूबसूरती से पहुंचाया।

रायगढ़ की सुश्री जया दीवान ने दी कथक नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति

रायगढ़ की कथक नृत्यांगना सुश्री जया दीवान ने अद्भुत नृत्य प्रस्तुति दी। जया दीवान ने अपनी प्रस्तुति में पारंपरिक कथक के साथ-साथ आधुनिक शैलियों का समावेश करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी नृत्य कला में शुद्ध तकनीकी कौशल के साथ भाव और अभिव्यक्ति का भी अनोखा मिश्रण देखने को मिला। जया की प्रस्तुति के दौरान कथक के गति और घुंघरू की अद्भुत तालमेल शामिल रही।जया की प्रस्तुति को दर्शकों ने भरपूर सराहना दी।

सुश्री धरित्री सिंह चौहान ने दी आकर्षक कथक की प्रस्तुति

रायगढ़ के ही निवासी रायगढ़ घराने की कथक कलाकार सुश्री धरित्री सिंह चौहान आकर्षक कथक की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन जीता.उन्होंने श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन…से कथक की शुरआत कर अलग अलग छंद छंद में अपनी चाल की बेहद अमिट छाप छोड़ी.

श्री शैंकी सिंह ने गणेश वंदना में दिखाई कथक की मोहक बारीकियां


पद्म विभूषण पंडित श्री बिरजू महाराज के शिष्य श्री शैकी सिंह ने नई शैली में कथक की प्रस्तुति दी। उन्होंने भगवान श्री गणेश की स्तुति वंदना पर आधारित गजमुख लागे अति सुन्दर.. गरजत गरजत घनघोर बादल… पर आकर्षक कथक नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से दर्शको का मन मोह लिया।
वे अल्पायु से कथक सीख रहे हैं और वर्तमान में कथक की बारीकियों पर शोध कर रहे है, जो उनकी प्रस्तुति में उनकी भाव–भंगिमा, मुद्राओं में स्पष्ट रूप से दिखायी दी। कई पुरुस्कारों से सम्मानित कलाकार श्री शैंकी सिंह ने कथक नृत्य की प्रस्तुति से राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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